
परिचय
स्वदेशी गायों और मुर्राह भैंसों के संरक्षण और विकास के उद्देश्य से हरियाणा सरकार द्वारा “स्वदेशी गायों और मुर्राह विकास योजना” लागू की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को स्वदेशी नस्लों के संरक्षण और उन्नयन के लिए प्रोत्साहित करना है।
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दीर्घकालिक उद्देश्य
- हरियाणा में उपलब्ध मूल्यवान स्वदेशी जर्मप्लाज्म का संरक्षण और उन्नयन।
- दूध उत्पादन और समग्र उत्पादकता में वृद्धि।
मध्यकालिक उद्देश्य (5 वर्षों की समय-सीमा)
- स्वदेशी नस्लों की उच्च गुणवत्ता वाले जर्मप्लाज्म की पहचान और उच्च गुणवत्ता वाले वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान।
- किसानों को उच्च उत्पादकता वाले पशुओं को पालने और प्रजनन के लिए प्रोत्साहित करना।
योजना का विवरण
- मुर्राह भैंस: जो प्रतिदिन 18 किग्रा या उससे अधिक दूध देती हैं, उन्हें कान की टैगिंग के साथ चिह्नित किया जाएगा। इन पशुपालकों को ₹15,000/- से ₹30,000/- तक की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
- हरियाणा, साहिवाल और बेलाही गायें:
- हरियाणा गायें (8-10 किग्रा दूध) – ₹10,000/- से ₹20,000/-
- साहिवाल गायें (10-15 किग्रा दूध) – ₹10,000/- से ₹20,000/-
- बेलाही गायें (5-10 किग्रा दूध) – ₹5,000/- से ₹15,000/-
- पशु मालिकों को कम से कम एक वर्ष तक इन गायों और भैंसों को नहीं बेचना होगा।
- चिन्हित जानवरों का बीमा कराया जाएगा, जिसमें बीमा प्रीमियम का कुछ हिस्सा सरकार वहन करेगी।
लाभ
- मुर्राह भैंस पालकों को ₹15,000/- से ₹30,000/- तक की प्रोत्साहन राशि।
- हरियाणा, साहिवाल और बेलाही गायों के मालिकों को ₹5,000/- से ₹20,000/- तक की प्रोत्साहन राशि।
- सरकार द्वारा कृत्रिम गर्भाधान सेवा प्रदान की जाएगी।
पात्रता
- आवेदक हरियाणा का निवासी होना चाहिए।
- आवेदक की आयु 18 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- एक व्यक्ति अधिकतम दो दूध देने वाले पशुओं के लिए ही आवेदन कर सकता है।
- गायें केवल हरियाणा, साहिवाल और बेलाही नस्ल की और भैंस मुर्राह नस्ल की होनी चाहिए।
- एक ही पशु के लिए अधिकतम दो बार प्रोत्साहन राशि दी जा सकती है।
आवेदन प्रक्रिया
ऑनलाइन आवेदन:
- अंत्योदय-सरल पोर्टल (https://saralharyana.gov.in/) पर लॉगिन करें।
- “नई उपयोगकर्ता पंजीकरण” पर क्लिक करें और आवश्यक विवरण भरें।
- पोर्टल पर लॉगिन करें और “सेवाओं के लिए आवेदन करें” पर क्लिक करें।
- योजना खोजें और आवेदन पत्र भरें।
- परिवार पहचान पत्र नंबर दर्ज करें और विवरण प्राप्त करें।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और आवेदन सबमिट करें।
आवश्यक दस्तावेज
- परिवार पहचान पत्र (PPP ID)
- आधार कार्ड की प्रति
- पैन कार्ड की प्रति
- बैंक पासबुक की प्रति या रद्द चेक
- पशु का टैग नंबर
महत्वपूर्ण नोट्स
- आवेदन पत्र संबंधित उप-मंडलीय पशुपालन अधिकारी द्वारा सत्यापित किया जाएगा।
- पात्रता की पुष्टि के बाद दुग्ध उत्पादन की रिकॉर्डिंग की जाएगी।
- योजना राइट टू सर्विस एक्ट के तहत आती है और आवेदन निपटाने की समय-सीमा 30 दिन है।
निष्कर्ष
हरियाणा सरकार की यह योजना पशुपालकों को प्रोत्साहित कर रही है ताकि वे स्वदेशी नस्लों का संरक्षण करें और दूध उत्पादन में वृद्धि करें। यह योजना राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों की आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ करेगी।
स्रोत और संदर्भ:
- अंत्योदय-सरल पोर्टल: https://saralharyana.gov.in/
- पशुपालन एवं डेयरी विभाग, हरियाणा सरकार
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