
परिचय
हरियाणा सरकार के अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा “अनुसूचित जाति/पिछड़े वर्ग की संस्थाओं/समाजों के लिए वित्तीय सहायता” योजना शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य इन वर्गों की संस्थाओं/समाजों को सामुदायिक, सामाजिक, या शैक्षिक उपयोग हेतु भवनों के निर्माण, मरम्मत, पूर्णता, या नवीनीकरण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। साथ ही, इन भवनों में मूलभूत सुविधाओं और उपकरणों की व्यवस्था के लिए भी अनुदान दिया जाता है।
वित्तीय सहायता की परिभाषा
वित्तीय सहायता का अर्थ है सरकार द्वारा स्वीकृत वह धनराशि जो सार्वजनिक प्रयासों को बढ़ावा देने और विकास के लिए दी जाती है।
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सक्षम प्राधिकारी कौन है?
इस योजना के तहत वित्तीय सहायता को मंजूरी देने का अधिकार हरियाणा सरकार के अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के निदेशक को दिया गया है।
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वित्तीय सहायता के उद्देश्य
इस योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए दी जाती है:
- सामुदायिक भवनों/संस्थानों का निर्माण, पूर्णता, या मरम्मत करना।
- इन भवनों में मनोरंजन केंद्र, हॉल, या पुस्तकालय स्थापित करना।
- संस्थानों के उपयोग हेतु टेलीविजन, शैक्षिक उपकरण आदि खरीदने के लिए।
- प्राथमिकता के आधार पर पहले अधूरे कार्यों को पूरा करना, फिर मरम्मत और उसके बाद नए निर्माण कार्यों को स्वीकृति देना।

लाभ
- इस योजना के तहत अधिकतम ₹2.00 लाख तक की वित्तीय सहायता मंजूर की जा सकती है।
- ₹2.00 लाख से अधिक की राशि मुख्यमंत्री की मंजूरी से स्वीकृत की जा सकती है।
- यदि आवश्यक हो, तो अतिरिक्त अनुदान भी दिया जा सकता है।
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महत्वपूर्ण नियम एवं शर्तें
- वित्तीय सहायता केवल हरियाणा राज्य में किए जाने वाले कार्यों के लिए दी जाएगी।
- अनुदान प्राप्त राशि को एक वर्ष के भीतर उपयोग करना आवश्यक है। अन्यथा, बची हुई राशि सरकार को वापस करनी होगी।
- संस्थाओं को अनुदान की राशि का उपयोग अत्यंत अनुशासित और आर्थिक रूप से उचित तरीके से करना होगा।
- यदि कोई संस्था नियमों का उल्लंघन करती है, तो उसे तीन वर्षों तक सरकारी अनुदान नहीं दिया जाएगा।
पात्रता मानदंड
- केवल वही संस्थाएं/समाज जो सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 या भारतीय ट्रस्ट अधिनियम के तहत पंजीकृत हैं, वे ही अनुदान के लिए पात्र होंगी।
- संस्था के पास कम से कम 100 वर्ग गज जमीन होनी चाहिए, जो स्वयं की हो या सरकार/पंचायत/स्थानीय निकाय/व्यक्ति द्वारा दान की गई हो।
- यदि किसी संस्था को पहले अनुदान मिल चुका है, तो उसे अगला अनुदान प्राप्त करने के लिए कम से कम 5 वर्ष का इंतजार करना होगा और पूर्व अनुदान की उपयोगिता प्रमाण पत्र (UC) जमा करना होगा।
आवेदन प्रक्रिया
ऑफ़लाइन आवेदन प्रक्रिया:
- इच्छुक संस्थाओं को विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से आवेदन पत्र डाउनलोड करना होगा।
- आवेदन पत्र को संपूर्ण जानकारी के साथ भरकर निम्नलिखित दस्तावेजों के साथ संलग्न करना होगा:
- पंजीकरण प्रमाण पत्र की प्रमाणित प्रति।
- भूमि पंजीकरण प्रमाण पत्र या भूमि स्वामित्व का अन्य कोई दस्तावेज।
- संस्था की गतिविधियों की रिपोर्ट एवं वार्षिक लेखा विवरण।
- निर्माण कार्य के लिए स्थल योजना, आर्किटेक्ट ड्राइंग, और संभावित खर्च का विवरण।
- बैंक खाता विवरण।
- पैन कार्ड।
- पूर्ण आवेदन पत्र संबंधित जिला कल्याण अधिकारी के कार्यालय में जमा करें।
आवेदन के बाद की प्रक्रिया:
- जिला कल्याण अधिकारी आवेदन में दी गई जानकारी का सत्यापन करेंगे और जिला उपायुक्त की सिफारिश के साथ प्रस्ताव निदेशक, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, हरियाणा को भेजेंगे।
- निदेशक द्वारा मामले को सामाजिक कल्याण मंत्री की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
- मंजूरी मिलने के बाद, राशि को हरियाणा ट्रेजरी, चंडीगढ़ से जारी किया जाएगा।
- जिला कल्याण अधिकारी के माध्यम से संस्थाओं को अनुदान की राशि वितरित की जाएगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. इस योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग की संस्थाओं को उनके भवनों के निर्माण, मरम्मत, पूर्णता, और नवीनीकरण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
2. इस योजना को किस विभाग द्वारा लॉन्च किया गया है?
यह योजना हरियाणा सरकार के अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा शुरू की गई है।
3. क्या ₹2.00 लाख से अधिक की राशि स्वीकृत हो सकती है?
हाँ, ₹2.00 लाख से अधिक की राशि मुख्यमंत्री की मंजूरी से स्वीकृत की जा सकती है।
4. क्या इस योजना के तहत हरियाणा के बाहर भी वित्तीय सहायता दी जाएगी?
नहीं, इस योजना के अंतर्गत सहायता केवल हरियाणा राज्य में ही उपलब्ध है।
5. कौन इस योजना के लिए पात्र है?
वे संस्थाएं या समाज जो सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 या भारतीय ट्रस्ट अधिनियम के तहत पंजीकृत हैं और जिनके पास कम से कम 100 वर्ग गज भूमि है।
6. दूसरी बार अनुदान कितने समय बाद मिलेगा?
पहले अनुदान की उपयोगिता प्रमाण पत्र (UC) जमा करने के बाद ही दूसरी बार अनुदान के लिए आवेदन किया जा सकता है, और इसके लिए कम से कम 5 वर्ष का अंतर होना चाहिए।
स्रोत और संदर्भ
- अधिसूचना: [विभागीय अधिसूचना का लिंक]
- आधिकारिक वेबसाइट: [विभागीय वेबसाइट का लिंक]
- आवेदन पत्र: [डाउनलोड लिंक]
इस योजना के माध्यम से हरियाणा सरकार अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और उनकी सामाजिक एवं शैक्षिक उन्नति हेतु निरंतर कार्यरत है। यदि आप पात्र हैं, तो इस योजना का लाभ अवश्य उठाएं!
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