पानीपत-डबवाली नेशनल हाईवे का प्रोजेक्ट अटका, चार साल बाद भी नहीं मिली मंजूरी

पानीपत-डबवाली नेशनल हाईवे का प्रोजेक्ट अटका, चार साल बाद भी नहीं मिली मंजूरी
पानीपत-डबवाली नेशनल हाईवे का प्रोजेक्ट अटका, चार साल बाद भी नहीं मिली मंजूरी

हरियाणा: सिरसा जिले के डबवाली शहर से पानीपत तक बनने वाले नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। यह हाईवे, जो हरियाणा के कई जिलों से गुजरते हुए राजस्थान और पंजाब को जोड़ेगा, चार साल पहले घोषित हुआ था, लेकिन इसकी डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) अब भी केंद्र सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रही है।

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डीपीआर पर खर्च हुए 80 लाख, दो साल से केंद्र में लंबित

इस हाईवे की डीपीआर 80 लाख रुपये खर्च कर तैयार की गई थी। हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के कार्यकाल में इस परियोजना की आधारशिला रखी गई थी। प्रस्तावित 300 किलोमीटर लंबे इस हाईवे के निर्माण से पानीपत, हिसार, सिरसा समेत कई जिलों के उद्योगों को फायदा मिलेगा।

हिसार स्थित एनएचएआई (NHAI) के अधिकारी सुनील का कहना है कि “जैसे ही सरकार डीपीआर को मंजूरी देती है, हाईवे निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।”

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हाईवे से 7 नेशनल हाईवे और 14 कस्बों की कनेक्टिविटी

इस हाईवे के बनने से 7 प्रमुख नेशनल हाईवे आपस में जुड़ जाएंगे और कुल 14 कस्बों को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। यह हाईवे सिवाह, सुताना, थर्मल, ऊंटला, नारा, असंध, नगुरां, उचाना, लीतानी, उकलाना, सनियाणा, भूना, रतिया, हांसपुर, सरदुलगढ़, रोडी और कालावाली से होकर गुजरेगा।

फतेहाबाद जिले में यह हाईवे पंजाब बॉर्डर से रतिया, भूना और सनियाणा तक पहुंचेगा। यह मार्ग डबवाली, कालावाली, रोडी, सरदुलगढ़, हांसपुर, रतिया, भूना, सनियाणा, उकलाना, लीतानी, उचाना, नगुरां और असंध से पानीपत तक जाएगा।

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मेरठ से बीकानेर तक आसान होगी यात्रा

यह हाईवे सिवाह के पास NH-709 से जुड़कर मेरठ को सीधे बीकानेर से जोड़ने का काम करेगा। इससे न केवल यात्रियों को सहूलियत मिलेगी, बल्कि हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के औद्योगिक केंद्रों को भी व्यापारिक फायदा होगा।

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लागत 6,500 करोड़ रुपये, लेकिन मंजूरी कब?

इस प्रस्तावित फोरलेन हाईवे की कुल लागत 867.61 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 6,500 करोड़ रुपये) आंकी गई है। सरकार से डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद ही इस पर काम शुरू किया जा सकेगा।

पानीपत-डबवाली नेशनल हाईवे हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के लिए एक अहम प्रोजेक्ट है। यह न केवल औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि यात्रियों के सफर को भी आसान बनाएगा। लेकिन सरकार की मंजूरी के इंतजार में यह प्रोजेक्ट चार साल से अटका हुआ है। अब देखना होगा कि इसे कब हरी झंडी मिलती है।

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